क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली 2027 ODI वर्ल्ड कप में खेल पाएंगे? गौतम गंभीर के 8 महत्वपूर्ण बिंदु
भारत ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ सीरीज 2-0 से जीती। इस जीत के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उनके विचार आज क्रिकेट प्रेमियों के लिए चर्चा का विषय बने हुए हैं। नीचे प्रमुख 8 बिंदुओं में उनकी बातें प्रस्तुत हैं:
1. रोहित शर्मा और विराट कोहली की उपस्थिति 2027 में
गंभीर का मानना है कि 2027 का वनडे वर्ल्ड कप करीब ढाई साल दूर है, लेकिन रोहित और विराट जैसे अनुभवी खिलाड़ी अभी भी योगदान दे सकते हैं। वह कहते हैं कि हालांकि भविष्य की चर्चा होती रहती है, लेकिन फिलहाल खिलाड़ियों का प्रदर्शन और वर्तमान फॉर्म ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
2. नीतीश रेड्डी की संभावनाएं
गंभीर ने कहा कि नीतीश रेड्डी ने विदेशी दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया है और जहां भी खेलें, उन्हें मौका मिलना चाहिए। चयन चेहरे नहीं, बल्कि प्रदर्शन पर होना चाहिए।
3. तीनों फॉर्मेट की चुनौतियाँ
तेज़ बल्लेबाजी, सीमित ओवर और टेस्ट — तीनों फॉर्मेट खेलने का दबाव खिलाड़ियों पर है। गंभीर ने माना कि यह आसान नहीं, लेकिन आजकल खिलाड़ियों ने खुद को अच्छी तैयारी से पेश किया है।
4. WTC फाइनल को लेकर दृष्टिकोण
गंभीर ने कहा कि शुभमन गिल ने इंग्लैंड में कप्तानी की चुनौती पाई, लेकिन 2027 में WTC फाइनल बहुत दूर है। इसलिए अभी फोकस वर्तमान पर होना चाहिए, न कि लंबी अवधि की योजनाओं पर।
5. कोटला पिच के बारे में राय
दिल्ली की कोटला पिच के बारे में गंभीर ने कहा कि पिच बेहतर हो सकती थी। जब टीम में दो क्वालिटी तेज गेंदबाज हैं, तो पिच उन्हें भी मदद दे। कम से कम बॉल को कैरी करना चाहिए था।
6. शुभमन गिल की कप्तानी
गंभीर ने स्पष्ट किया कि गिल को कप्तानी किसी सौदे से नहीं मिली है — उन्होंने इसे मेहनत और प्रदर्शन से पाया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें स्वयं एक मानसिक तैयारी (मेंटल कंडीशनिंग) कोच की ज़रूरत महसूस होती है, लेकिन गिल ने अपने काम और शब्दों से सम्मान कमाया है।
7. कोच के रूप में अपना आकलन
गंभीर ने कहा कि वह तभी अच्छा कोच कहलाएंगे जब टीम का प्रदर्शन शानदार हो। उनके अनुसार कोच की सफलता टीम की सफलता से ही मापी जाती है।
8. हर्षित राणा और युवा खिलाड़ियों पर ट्रोलिंग
यह बिंदु सबसे भावुक था — गंभीर ने सोशल मीडिया पर 23 वर्षीय हर्षित राणा को निशाना बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अगर मैं निशाना बनूँ, तो मुझे कोई असर नहीं होगा, लेकिन युवा खिलाड़ियों को ऐसे लक्ष्य नहीं बनाया जाना चाहिए। यह मीडिया और जनता दोनों की जिम्मेदारी है कि वे सम्मानपूर्वक व्यवहार करें और अनुचित ट्रोलिंग से बचें।
गौतम गंभीर की इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे अनुभव और नवोदित दोनों प्रकार के खिलाड़ियों को महत्व देते हैं। उनका संदेश साफ है: वर्तमान में प्रदर्शन करो, भविष्य की चर्चा बाद में होगी। साथ ही उन्होंने यह भी जोर दिया कि मानसिक रूप से खिलाड़ियों का सम्मान और सुरक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण है।
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